कोहरे की धुन्द्लाहत में
शीत की कपकपाहट में
रासतूं पर राहें ढूँढ़ते हैं हम
गाडी की headlight जलाये
सूचा तो बहुत था, लेकिन
जब तक लिख पाए
भूल गए थे सोच को
फिर मिलने की चाह में
इन्तेज़ार में
रासतूं पर राहें ढूँढ़ते हैं हम
गाडी की headlight जलाये
कोहरे की धुन्द्लाहत में
शीत की कपकपाहट में
रासतूं पर राहें ढूँढ़ते हैं हम
गाडी की headlight जलाये
सूचा तो बहुत था, लेकिन
जब तक लिख पाए
भूल गए थे सोच को
फिर मिलने की चाह में
इन्तेज़ार में
रासतूं पर राहें ढूँढ़ते हैं हम
गाडी की headlight जलाये